
Maharajganj News : अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में दो संदिग्ध शिक्षक, कार्यमुक्त होने के लिए झोंकी ताकत
दूसरे के प्रमाणपत्र के नाम पर नौकरी का आरोप, मार्कशीट भी फर्जी
एक ही ब्लॉक में कार्यरत हैं दोनों संदिग्ध शिक्षक, सत्यापन से खुलेगी पोल
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो :- फर्जी नियुक्ति में जांच व कार्रवाई की आशंका से डरे दो संदिग्ध शिक्षक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के जरिए जिला छोड़ने की तैयारी में हैं। ट्रांसफर लिस्ट में उनका नाम आ गया है। जिला से कार्यमुक्त होने के लिए पूरी कोशिश लगा दी है। एक-दो दिन में वे जिला छोड़ देंगे। दोनों की नियुक्ति के फर्जीवाड़े में यह आरोप है कि वे दूसरे के नाम पर शिक्षक बन नौकरी कर रहे हैं। उनके प्रमाणपत्र भी कूटरचित यानी फर्जी हैं। सत्यापन से पोल खुलेगी। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए है। जिले में फर्जी शिक्षकों की लंबी फेहरिस्त है। पिछले पाँच साल में करीब तीन दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। पिछले साल में एक ही साथ सदर कोतवाली में एक दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज है। जिन संदिग्ध शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है, वे अब अंतर्जनपदीय स्थानांतरण से जिला छोड़ने की तैयारी में हैं।
जिले से 83 शिक्षकों का ट्रांसफर सूची में नाम, इसमें दो की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का आरोप
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में जिले के परिषदीय विद्यालयों में तैनात करीब 83 शिक्षकों का तबादला हुआ है। ट्रांसफर लिस्ट में इनका नाम भी आ गया है। विभाग इन सभी को कार्यमुक्त करने की तैयारी में है। इन शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए पंद्रह जिलों का विकल्प खुला था। सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें दो संदिग्ध शिक्षक ऐसे बताए जा रहे हैं जिनकी नियुक्ति में फर्जीवाड़े का आरोप है। इनमें से एक शिक्षक के बारे में बताया जा रहा है कि वह दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहा है। मार्कशीट भी कूटरचित है। दूसरे संदिग्ध शिक्षक के बारे में कहा जा रहा है कि उसकी नियुक्ति में शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी है। ये दोनों संदिग्ध करीब पिछले नौ-दस वर्षों से नौकरी कर रहे हैं।
विभाग ने सत्यापन का दावा कर लगाई सैलरी, शिकायत की जांच में फर्जी निकली नियुक्ति
परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के सभी शैक्षिक दस्तावेज़ व पते का सत्यापन कराने के बाद वेतन लगाने का आदेश है। बेसिक शिक्षा विभाग के पटल सहायक गोपनीय जांच कराकर वेतन लगाने का पत्र तैयार कर बीएसए से आदेश जारी कराते हैं। जितने भी फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं, उन सभी के बारे में यह बताया गया कि उनके शैक्षिक दस्तावेज़ का सत्यापन विभाग ने कराया था, लेकिन कुछ की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा एसटीएफ ने पकड़ा। कुछ की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत पर जांच हुई, जिसमें शैक्षिक दस्तावेज़ कूटरचित मिले। नोटिस जारी होते ही फर्जी शिक्षक फरार हो गए। जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद विभाग ने उन्हें बर्खास्त किया और एफआईआर दर्ज कराई। कुछ शिकायतें दबा दी गईं। कुछ मामले मैनेज कर लिए जाने से फर्जी शिक्षकों की नौकरी मिलीभगत से चल रही है।
संदिग्ध शिक्षकों के स्थानांतरण पर विभाग का यह है कहना
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में संदिग्ध शिक्षकों के तबादले के सवाल पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय का कहना है कि इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत हुई होती तो खंड शिक्षा अधिकारी ही रिपोर्ट देते। अगर किसी की नियुक्ति में अनियमितता है तो जिस जिले में स्थानांतरण होकर शिक्षक जा रहे हैं, वहाँ उनकी शिकायत पर जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी कार्रवाई करेंगे।
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